Poems & Songs by Kailash Khulbe "KK": तोड़ दे अगर आज हम नफरत की ये दिवार समझो की बतन का ...
Poems & Songs by Kailash Khulbe "KK": तोड़ दे अगर आज हम नफरत की ये दिवार समझो की बतन का ...: मरसियों पर नाचता है आज ये बतन देखो कल ही तो इस बतन में सेहरा पढ़ा गया ……. जिगर की ये आवाज पहुची है उस फलक में जिस फलक की तस्वीर को ...
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